Taittiriya Upanishad Part 14
Taittiriya Upanishad - Hindi
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इस व्याख्यान में बिग बैंग थ्योरी की आलोचना की गई है, जिसमें कहा गया कि धमाके से संसार का निर्माण असंभव है। न्यूटन की दृष्टि को प्रस्तुत करते हुए यह भी दर्शाया गया कि एक जटिल सौर मंडल का छोटा मॉडल बिना किसी सृजनकर्ता के नहीं बन सकता। विज्ञान और धार्मिक दृष्टिकोण के बीच अंतर को स्पष्ट करते हुए, यह तर्क किया गया कि विशाल ब्रह्मांड की सृष्टि किसी व्यक्ति या ईश्वर द्वारा की गई होनी चाहिए, न कि स्वतः।
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Taittiriya Upanishad Part 15
इस व्याख्यान में बताया गया कि संसार की सृष्टि नेचर से स्वतः नहीं होती। मिट्टी से घड़ा बनने के उदाहरण से समझाया गया कि वस्तु निर्माण के लिए ज्ञान, इच्छा, संकल्प, और प्रयास की आवश्यकता होती है। यह भी कहा गया कि नेचर या ब्रह्मा की जगह भगवान का होना आवश्यक है, क्योंकि भगवान ही सृष्टि, प्रबंधन और प्र...
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Taittiriya Upanishad Part 16
इस उपनिषद व्याख्यान में बताया गया कि ज्ञान प्राप्ति से जीवन में निखार, परिवर्तन, और उन्नति होती है। उत्कृष्ट और विश्वसनीय ज्ञान भगवान से प्राप्त होता है, विशेषकर वेदों और उपनिषदों से। तैत्री उपनिषद के माध्यम से यह समझाया गया कि भगवान ही सृष्टि, स्थिति और प्रलय के जिम्मेदार हैं। उपनिषदों में भगवान...
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Taittiriya Upanishad Part 17
ब्रिगू ने अपने पिता वरुण से पूछा कि ब्रह्म क्या है, और तपस्या के माध्यम से अन्न को ब्रह्म माना। अंततः, ब्रिगू ने अनुभव किया कि आनंद ही ब्रह्म है। उपनिषदों के अनुसार, आनंद ही भगवान है, और यह सदा स्थायी और नित्य नव होता है। भगवान आनंद का प्रतीक है, और हर जीव आनंद की खोज में है, इसलिए वास्तव में कोई...