Taittiriya Upanishad Part 16
Taittiriya Upanishad - Hindi
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इस उपनिषद व्याख्यान में बताया गया कि ज्ञान प्राप्ति से जीवन में निखार, परिवर्तन, और उन्नति होती है। उत्कृष्ट और विश्वसनीय ज्ञान भगवान से प्राप्त होता है, विशेषकर वेदों और उपनिषदों से। तैत्री उपनिषद के माध्यम से यह समझाया गया कि भगवान ही सृष्टि, स्थिति और प्रलय के जिम्मेदार हैं। उपनिषदों में भगवान की खोज के बारे में भी चर्चा की गई है। अंततः, यह स्पष्ट हुआ कि सभी जीव आनंद की खोज में लगे हैं, और आनंद प्राप्ति के लिए विभिन्न प्रयास करते हैं।
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एक विद्यार्थी ने पूछा कि हम संसार में क्यों हैं। प्रवचन के बाद, स्वामी जी ने उसे सिनेमाहल में ले जाकर समझाया कि संसार भ्रमित करने वाला है, जैसे सिनेमाहल की अंधकार और टॉर्च की लाइट से भ्रम उत्पन्न होता है। उन्होंने बताया कि भगवान प्रकाश स्वरूप हैं और माया के अंधकार में हम अपने असली स्वरूप को भूल ज...
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