Taittiriya Upanishad Part 17
          
            Taittiriya Upanishad - Hindi
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          16m
        
      
    ब्रिगू ने अपने पिता वरुण से पूछा कि ब्रह्म क्या है, और तपस्या के माध्यम से अन्न को ब्रह्म माना। अंततः, ब्रिगू ने अनुभव किया कि आनंद ही ब्रह्म है। उपनिषदों के अनुसार, आनंद ही भगवान है, और यह सदा स्थायी और नित्य नव होता है। भगवान आनंद का प्रतीक है, और हर जीव आनंद की खोज में है, इसलिए वास्तव में कोई भी नास्तिक नहीं होता। संसार का आनंद सीमित है, जबकि ब्रह्म का आनंद अनंत और पूर्ण है।
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