Ramkatha - Hindi
राम कथा अनंत है और जीवन के हर पहलू को छूती है। तुलसीदास जी ने माता सीता की वंदना की और राम के चरणों की महिमा गाई। महर्षि भरद्वाज ने राम के ब्रह्म स्वरूप पर प्रश्न किया, जिसे शिव ने स्पष्ट किया। सती के आत्मदाह, शिव-पार्वती विवाह, और राम अवतार के रहस्यों का वर्णन है।राम जन्म से लेकर वनवास तक की घटनाएँ, केवट, शबरी, हनुमान की भक्ति और सुग्रीव-मित्रता की कथा है। लंका विजय में राम की सेना, विभीषण की शरणागति, और रावण-वध का विस्तार से उल्लेख है।राम कथा में भक्ति, प्रेम, और धर्म की पराकाष्ठा है। राम के अयोध्या लौटने के साथ यह कथा समाप्त नहीं होती, बल्कि हर युग में नया अर्थ देती है। यह जीवन को सही दिशा देने वाली कथा है, जो भक्तों के हृदय को शुद्ध करती है।
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Ram Katha - Part 25 - भरत क्रोधित क्यो हुए Bharat's Wrath
दशरथ जी के निधन के बाद, कैकयी ने भरत को बताया कि राम को 14 वर्षों का वनवास मिला और भरत को राज्य सौंपा जाएगा। भरत को यह बात सुनकर गहरा दुख हुआ और उन्होंने कैकयी को दोषी ठहराया, लेकिन राम के सम्मान के लिए उनकी हत्या का विचार छोड़ा। भरत ने वशिष्ठ जी से सलाह ली और अंतिम संस्कार की व्यवस्था की। उन्हों...
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Ram Katha - Part 26 - राम भक्त भरत Lord Ram's devotee Bharat
भरत अयोध्या से यात्रा पर निकले और पैदल चलने का निर्णय किया, रथ को अस्वीकार किया। गुह ने उन्हें फल, तरकारी और मांस भेंट दिए, जिसमें भरत ने फल को स्वीकार किया। यात्रा के दौरान, भरत का प्रेम राम के प्रति गहराता गया। प्रयाग पहुंचकर उन्होंने धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष की बजाय, हर जन्म में राम के चरणों ...
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Ram Katha - Part 27 - राम भरत मिलन Ram Bharat Milan
संसार के दो प्रकार होते हैं। एक बाहरी संसार जो ईश्वर द्वारा निर्मित है और सत्य है, जैसे पृथ्वी, जल, आकाश आदि। दूसरा आंतरिक संसार है जो हमारे मन की कल्पनाओं से बनता है, जैसे इच्छाएँ, भावनाएँ, और विकार। बाहरी संसार ईश्वर की सृष्टि है और इसका उद्देश्य हमारे कल्याण के लिए है, जबकि आंतरिक संसार हमारी ...
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Ram Katha - Part 28 - लक्ष्मण गीता (राम लक्ष्मण सम्वाद) Lakshman Gita
राम, सीता और लक्ष्मण चित्रकूट में निवास करते हैं। राम मंदाकिनी में स्नान, पूजा, और ऋषि-मुनियों से मिलते हैं। लक्ष्मण कंद-मूल लाते हैं, जिससे सीता व्याकुल हो जाती हैं। जयंत कौवे का रूप धारण कर सीता को कष्ट देता है, पर राम उसे दंडित करते हैं। सूर्पणखा राम से विवाह प्रस्ताव रखती है, लेकिन लक्ष्मण उस...
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Ram Katha - Part 29 - सीता हरण Sita Haran
भक्ति सबसे सरल माध्यम है भगवान को प्राप्त करने का। सूर्पणखा ने भगवान राम को देखा और उनसे विवाह की इच्छा जताई, लेकिन राम ने लक्ष्मण को भेजा और सूर्पणखा की नाक-कान काट दिए। इसके बाद सूर्पणखा ने रावण को बताया कि राम बहुत शक्तिशाली हैं, और रावण ने उन्हें पराजित करने की योजना बनाई। रावण ने मारीच को सो...
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Ram Katha - Part 30 - शबरी के प्रभु राम Shabri's Lord Ram
राम कथा में भक्तों के भाव विभिन्न और अनूठे हैं। शबरी की भक्ति विशेष थी; वह पूर्व जन्म में महरानी थी पर अब एक शबर के घर में जन्मी। विवाह के समय उसने पशुओं की हिंसा देखी और साधु-मुनियों की सेवा की। उसकी सेवा और भक्ति ने भगवान राम को प्रभावित किया। शबरी ने 40 साल तक भगवान का इंतजार किया और अंत में भ...
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Ram Katha - Part 31 - राम हनुमान मिलन Hanuman meets Lord Ram
जब सुगरीव और हनुमान रिश्यमुख पर्वत के निकट पहुंचे, तो सुगरीव ने राम और लक्ष्मण को देखा और घबरा गया। हनुमान ने ब्राह्मण का रूप धारण करके राम से उनके बारे में पूछा। राम ने बताया कि वे दशरथ के पुत्र हैं और पत्नी सीता को खोज रहे हैं। हनुमान ने राम को पहचान लिया और उनके चरणों में गिर गया। राम और सुगरी...
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Ram Katha - Part 32 – सीता की खोज The Search for Sita
बाली के शरीर के त्याग पर तारा रो रही थी, भगवान ने उसे आत्मा की अमरता और शरीर की नाश्वर्ता समझाई। भगवान ने सुग्रीव को राज्य और अंगद को बाली के पुत्र की देखभाल सौंपी। राम ने सीता की खोज का काम सुग्रीव को सौंपा और चातुरमास के बाद पता लगाने को कहा। सुग्रीव भोग में लिप्त हो गया, लक्ष्मण ने उसे डांटा। ...
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Ram Katha - Part 33 – हनुमान सुरसा संवाद Hanuman Sursa Conversation
सुरसा नामक सर्पिनी ने हनुमान जी को खाने की कोशिश की, लेकिन हनुमान ने बुद्धि का उपयोग करके उसका मुख बड़ा कर दिया और खुद को सुरक्षित किया। फिर हनुमान जी लंका पहुंचे, जहां उन्होंने लंकिनी नामक राक्षसी को हराया। लंका में विभीषण से मिले, जिन्होंने बताया कि सीता माता अशोक वाटिका में कैद हैं। हनुमान जी ...
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Ram Katha - Part 34 - लंका दहन Lanka Dahan
हनुमान जी ने सीता माता को अशोक वाटिका में देखा, जहां वे अत्यंत पीड़ित थीं। रावण ने सीता जी को विवाह का प्रस्ताव दिया, जिसे उन्होंने नकारते हुए घास का तिनका दिखाया। हनुमान जी ने रावण को चुनौती दी, उसकी लंका में आग लगा दी और कैद किया गया। विभीषण की सलाह पर रावण ने हनुमान की पूंछ में आग लगवाकर उसे ज...
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Ram Katha - Part 35 - शरणागत वत्सल श्रीराम Savior of the Destitute
भगवान राम ने वानरों को फल खाने के लिए आमंत्रित किया। रावण को जब इस बारे में पता चला, तो उसने अपनी सभा बुलाई और मंत्रियों से सलाह मांगी। सभी मंत्रियों ने रावण को भरोसा दिलाया कि वानर सेना कुछ नहीं कर सकती। विभीषण ने रावण को चेतावनी दी और राम की शरण में जाने की सलाह दी। रावण ने विभीषण को लात मारकर ...
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Ram Katha - Part 36 - राम सेतु का निर्माण Construction of Ram Setu
भगवान राम तीन दिन समुद्र के सामने इंतजार करते हैं। लक्ष्मण की सलाह पर, राम ने धनुष चलाया और समुद्र को गरम कर दिया। समुद्र देवता ने राम को बताया कि नल और नील वानर पत्थर तैराने की कला जानते हैं। राम ने पुल बनाने का आदेश दिया। रावन को अंगद ने चेतावनी दी कि अगर उसने भगवान राम के चरणों में गिरकर माफी ...
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Ram Katha – Part 37 - रावण वध Ravan important lessons to Lakshman
राम ने अपनी सेना को लंका के चारों द्वारों पर भेजा, जिससे जोरदार युद्ध हुआ। रावण की सेना की आधी समाप्त हो गई, लेकिन इंद्रजीत ने लक्ष्मण को बेहोश कर दिया। हनुमान ने संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण को ठीक किया। रावण और इंद्रजीत के कई प्रयासों के बावजूद, राम ने 31वें बाण से रावण को पराजित किया। रावण ने अंत...
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Ram Katha - Part 38 - श्रीराम का अयोध्या आगमन Ram returns to Ayodhya
राम ने देवी-देवताओं को वंदन किया और विभीषण से उपहार स्वरूप खजाना लिया। विभीषण ने उन्हें राजधानी में आमंत्रित किया, लेकिन राम ने वनवास के नियमों का पालन करते हुए वहाँ न जाने का निर्णय लिया। पुष्पक विमान से लौटते समय राम और सीता ने शिवजी की आराधना की। अयोध्या पहुँचने पर भरत को खुशी मिली और राम ने स...