Ram Katha - Part 25 - भरत क्रोधित क्यो हुए Bharat's Wrath
Ramkatha - Hindi
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दशरथ जी के निधन के बाद, कैकयी ने भरत को बताया कि राम को 14 वर्षों का वनवास मिला और भरत को राज्य सौंपा जाएगा। भरत को यह बात सुनकर गहरा दुख हुआ और उन्होंने कैकयी को दोषी ठहराया, लेकिन राम के सम्मान के लिए उनकी हत्या का विचार छोड़ा। भरत ने वशिष्ठ जी से सलाह ली और अंतिम संस्कार की व्यवस्था की। उन्होंने सबको बताया कि राम के राज्य का अधिकार केवल राम का है। भरत ने सभी से आग्रह किया कि वे राम को वापस लाने के लिए तैयार हों।
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