Taittiriya Upanishad Part 7
Taittiriya Upanishad - Hindi
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आत्मा अमर है, न तो शस्त्र उसे काट सकते हैं, न अग्नि जला सकती है, न जल गिला कर सकता है। मृत्यु से डरना व्यर्थ है क्योंकि आत्मा अविनाशी है। जीवन में ज्ञान की आवश्यकता है और यह गुरु से प्राप्त होता है। शास्त्रों को समझने के लिए एक सच्चे गुरु की आवश्यकता है, जो शास्त्रों और ब्रह्म की अवस्था में निपुण हो। गुरु की सहायता से ही हम अज्ञान को मिटाकर सच्चे ज्ञान को प्राप्त कर सकते हैं।
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जैसे भगवत प्राप्ति बिना ज्ञान नहीं होता। शाब्दिक ज्ञान का कोई मतलब नहीं जब तक अनुभवात्मक ज्ञान और वैराज्य न हो। गुरु से ज्ञान प्राप्त करने के लिए वैराज्य जरूरी है। जैसे वाल्मीकि ने गुरु की आज्ञा का पालन किया, हमें भी गुरु की शरणागत होकर वैराज्य से जीवन जीना होगा। सच्चे गुरु को पहचानने के लिए सही ...
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Taittiriya Upanishad Part 9
सच्चे संत और गुरु को पहचानने के लिए केवल बाहरी लक्षण नहीं, बल्कि उनके आंतरिक ज्ञान और प्रभाव पर ध्यान देना चाहिए। असली गुरु वह है जो संसार की बजाय भगवत भक्ति और वैराज्य की दिशा में मार्गदर्शन करता है। चमत्कार दिखाना बाहरी संकेत हो सकता है, लेकिन सच्चा गुरु दिव्य वाणी से शिष्य को बदलता है और उसकी ...
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Taittiriya Upanishad Part 10
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