Taittiriya Upanishad Part 10
Taittiriya Upanishad - Hindi
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व्यक्ति अपने जीवन में किसी अनजानी चीज़ की खोज में भटक रहा है, लेकिन उसे अब तक वह नहीं मिल पाई। यह खोज उसकी आत्मिक प्यास का परिणाम है। वेदों के अनुसार, जो चीज़ वह ढूंढ रहा है, वह उसके अंदर स्थित है, यानी परमात्मा। परमात्मा सर्वव्यापी और नित्य (अनंत) रूप से सभी के भीतर उपस्थित है, लेकिन अज्ञान के कारण मनुष्य उसे पहचान नहीं पाता। इस अज्ञान को मिटाने के लिए अध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करना आवश्यक है, जिससे व्यक्ति को अपने अंदर स्थित परमात्मा की अनुभूति हो सकती है।
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Taittiriya Upanishad Part 12
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Taittiriya Upanishad Part 13
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