Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi Part 39
Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi
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संत की पहचान बाहरी लक्षणों से नहीं होती। लंबाई, वस्त्र या शारीरिक रूप देखकर संत को नहीं पहचाना जा सकता। अर्जुन ने श्रीकृष्ण से पूछा कि माया से परे संत के लक्षण क्या हैं। श्रीकृष्ण ने समझाया कि संत के भीतर दिव्यता होती है, जिससे उनके सान्निध्य में संसार से वैराग्य और भगवान के प्रति अनुराग स्वतः होता है। संत का असली लक्षण उनकी आत्मिक अनुभूति है, न कि उनका बाहरी रूप। बाहरी लक्षण देखकर संत की पहचान संभव नहीं है।
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Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi Part 41
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