Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi Part 15
Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi
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6m 16s
भगवद गीता में पुनरुक्ति (दोहराव) आवश्यक है ताकि ज्ञान अर्जुन के मन में गहराई से बस सके। श्रीकृष्ण आत्मा की अमरता और शरीर की नश्वरता का ज्ञान अर्जुन को बार-बार देते हैं क्योंकि हम अक्सर भूल जाते हैं। पुनरुक्ति शिक्षा की महत्वपूर्ण कला है, जिससे मूल सिद्धांत मस्तिष्क में स्थायी रूप से बैठ जाते हैं। इसी प्रकार हमारे शास्त्रों में भी पुनरुक्ति का प्रयोग ज्ञान को स्थापित करने के लिए किया गया है, जिससे इसे आसानी से भुलाया न जा सके।
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Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi Part 16
मृत्यु का भय सभी को सताता है क्योंकि हम शरीर को आत्मा मानते हैं। श्रीकृष्ण समझाते हैं कि आत्मा अमर है, और मृत्यु केवल शरीर की होती है। मनुष्य और जीव-जंतु जीवन से प्रेम करते हैं, इसलिए मृत्यु का डर बना रहता है। यह भय हमारे आत्मा के सनातन स्वभाव के विपरीत है, क्योंकि हम अपने को शरीर समझने लगते हैं।...
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Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi Part 17
श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि आत्मा अमर है और शरीर नश्वर। जब आत्मा पुराने वस्त्र त्यागकर नए वस्त्र धारण करती है, इसे ही मृत्यु कहा जाता है। आत्मा का जन्म या मृत्यु नहीं होती, यह केवल शरीर का परिवर्तन है। इसलिए मृत्यु का भय अनावश्यक है, क्योंकि यह केवल शरीर की समाप्ति है, आत्मा की नहीं। आत्मा सद...
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Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi Part 18
आत्मा बुद्धि से परे, अदृश्य और अपरिवर्तनशील है। इसे बुद्धि से समझा नहीं जा सकता क्योंकि आत्मा सूक्ष्म और अचिंत्य है। श्रीकृष्ण अर्जुन को बताते हैं कि आत्मा नष्ट नहीं होती, केवल शरीर बदलता है। आत्मा का संबंध माया के अहंकार से होता है, जो उसे शरीर से जोड़ता है। बुद्धि से आत्मतत्व को जानना असंभव है ...