Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi Part 18
Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi
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आत्मा बुद्धि से परे, अदृश्य और अपरिवर्तनशील है। इसे बुद्धि से समझा नहीं जा सकता क्योंकि आत्मा सूक्ष्म और अचिंत्य है। श्रीकृष्ण अर्जुन को बताते हैं कि आत्मा नष्ट नहीं होती, केवल शरीर बदलता है। आत्मा का संबंध माया के अहंकार से होता है, जो उसे शरीर से जोड़ता है। बुद्धि से आत्मतत्व को जानना असंभव है क्योंकि बुद्धि माया की बनी होती है। आत्मा दिव्य और शाश्वत है, जो न जल से गीली होती है, न अग्नि से जलती है।
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Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi Part 20
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Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi Part 21
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