Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi Part 21
Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi
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भगवान का पूरा संसार आश्चर्यजनक है। हर वस्तु अद्भुत है, जैसे परमाणु में 600 मील प्रति सेकंड की गति से घूमता इलेक्ट्रॉन, कुत्ते की वफादारी, चील की दृष्टि—ये सभी भगवान की चमत्कारी सृष्टि के उदाहरण हैं। परमाणु, कोशाणु, और डीएनए तक में विशाल ज्ञान समाहित है, जिसे वैज्ञानिक भी समझकर भगवान की महिमा में अचंभित होते हैं। संसार का हर कण और जीव भगवान की अपार अद्भुत शक्तियों का प्रमाण है।
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Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi Part 22
हजारों वर्ष पूर्व, समाज में शत्रुओं से रक्षा और पाप प्रवृत्ति नियंत्रित करने हेतु क्षत्रियों का कर्तव्य था युद्ध करना। अर्जुन को श्रीकृष्ण याद दिलाते हैं कि उसका स्वधर्म है समाज की रक्षा के लिए युद्ध करना। अगर अर्जुन कायरता दिखाएगा और भाग जाएगा, तो उसका अपयश होगा, जो क्षत्रिय के लिए सबसे बुरा है।...
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Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi Part 23
गुरु गोबिंद सिंह मुगलों से युद्ध कर रहे थे, जब उन्होंने एक विरोधी को गिराकर मारने का सोचा, लेकिन विरोधी ने उन पर थूक दिया। गुरु जी को गुस्सा आया, पर उसे नहीं मारा क्योंकि यह गुस्से में किया कर्म होता। उन्होंने कहा कि धर्म युद्ध निश्छलता से करना चाहिए, गुस्से से नहीं। कर्म को निष्काम भाव से करना आ...
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Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi Part 24
गुस्सा बॉस पर नहीं, बल्कि घर पर निकालते हैं क्योंकि बुद्धि गुस्से को कंट्रोल कर लेती है। बुद्धि शरीर की सेंट्रल गवर्नमेंट है, जो विवेक और संयम से काम करती है। अगर बुद्धि सही निर्णय ले, तो मन नियंत्रित रहता है। श्रीकृष्ण ने अर्जुन को यही सिखाया कि बुद्धियोग द्वारा कर्म करते समय आसक्ति छोड़कर विवेक...