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Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi Part 32

Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi • 18m

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    जितनी चिंता संसार के लिए की, उतनी भगवान की भक्ति में करते तो यमराज से मुक्ति मिलती। संसार में लोग कठिन काम कर लेते हैं, पर भगवत प्राप्ति कठिन लगती है। श्रीकृष्ण कहते हैं कि संसार के भोग और ऐश्वर्य में लिप्त व्यक्ति दृढ़ निश्चय नहीं कर पाता। लेकिन भगवत प्राप्ति की यात्रा, जो आंतरिक होती है, दृढ़ स...

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    संसार में सुख मानने के भ्रम से हम फँस जाते हैं। सुख न सभी को मिलता है, न सदा के लिए। असली सुख भगवान की भक्ति में है, और जब यह समझ हो जाए कि संसार में किसी को भी सच्चा सुख नहीं मिला, तब साधक संसार को छोड़कर भगवान की ओर बढ़ने का निर्णय कर लेता है। लोग संसार में कठिन कार्य कर लेते हैं, पर भगवत-प्राप...

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    सभी शास्त्र एक बात सिखाते हैं: भगवान से प्रेम करो, यही मोक्ष का मार्ग है। वेद का लक्ष्य भी भगवान की भक्ति है, जिससे सभी धर्मों का पालन स्वतः हो जाता है। जैसे पेड़ की जड़ में पानी डालने से पूरे पेड़ को पोषण मिलता है, वैसे ही भगवान से प्रेम करने पर सभी कर्तव्य पूर्ण हो जाते हैं। भक्ति के बिना अन्य ...