सुखी होने का उपाय। विकास के सूत्र भाग 12
Jeevan Me Vikas Ka Sutra - Hindi
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हम सभी आनंद चाहते हैं, क्योंकि हमारी आत्मा भगवान के आनंद से जुड़ी है। भगवान सत, चित और आनंदमय हैं। संसार के सुख अस्थायी हैं, इसलिए हमें संतोष नहीं मिलता। असली सुख भगवान से निकटता में है, जो अंतःकरण की शुद्धि से प्राप्त होता है। बाहरी वस्तुएं हमें सीमित सुख देती हैं, लेकिन आंतरिक विकास से ही स्थायी आनंद मिलेगा। आत्म-शुद्धि से हम भगवान के निकट जाएंगे और सच्चिदानंद को प्राप्त करेंगे। यही सत्य है जिसे हमें अपनाना होगा।
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