संतुष्टि कैसे मिले विकास के सूत्र भाग 15
Jeevan Me Vikas Ka Sutra - Hindi
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7m 41s
मनुष्य केवल पैसे से संतुष्ट नहीं होता, उसकी आंतरिक अभिलाषा है कि उसके कार्य से समाज में कुछ बदलाव आए। हर व्यक्ति चाहता है कि वह अच्छा कार्य करे, जिससे दूसरों के जीवन में सकारात्मक प्रभाव पड़े। जैसे तुलसीदास ने अपना जीवन बदला, वैसे ही हम सबमें अलग-अलग गुण होते हैं। उन गुणों को निखारने और उपयोगी कार्य करने में ही आनंद मिलता है। इसलिए, जीवन का उद्देश्य है "अच्छा बनो और अच्छा करो", जिससे समाज और स्वयं के जीवन में संतोष और आनंद की प्राप्ति हो।
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