Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi Part 26
Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi
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भगवान ने हमें केवल एक मन दिया, ताकि हम पूर्ण शरणागति कर सकें। अगर कई मन होते, तो एक मन से दुनियावी चीजों में और एक भगवान की भक्ति में लग जाता। श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा कि मन का सही उपयोग बुद्धियोग से होता है, जिससे आसक्ति रहित होकर भगवान की भक्ति की जा सकती है। गोपियों ने भी कहा था, मन एक ही है और वह श्रीकृष्ण को समर्पित है। इसलिए मन को संसार से विरक्त करके भगवान में अनुरक्त करना चाहिए।
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Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi Part 29
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