Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi Part 29
Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi
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अर्जुन ने गीता सुनकर व्यवसायात्मिक बुद्धि प्राप्त की, लेकिन यह उसकी बुद्धि की शक्ति थी। हम लोगों को इस ज्ञान पर बार-बार चिंतन कर अपनी बुद्धि को दृढ़ बनाना होगा। संसार में कोई भी चीज़ स्थायी नहीं है, अंत में कुछ साथ नहीं जाता। हमारे शास्त्रों के अनुसार, हमें भगवान को अपना सबकुछ मानकर, उनकी शरण में जाना चाहिए। इस ज्ञान को पक्का करने के लिए बार-बार चिंतन आवश्यक है, तभी यह ज्ञान जीवन में साकार हो पाएगा और बुद्धि स्थिर हो जाएगी।
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Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi Part 31
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