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Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi Part 25

Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi • 20m

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    वेद व्यास जी कहते हैं कि संसार के सारे संबंध स्वार्थ पर आधारित होते हैं। हर जीव अपने सुख के लिए प्रेम करता है, चाहे देवता हों, मनुष्य हों या ऋषि। आत्मा का स्वभाव है आनंद की तलाश, और जब तक भगवद् प्राप्ति नहीं होती, हम असली आनंद से वंचित रहते हैं। संसार में सभी संबंध और प्रेम स्वार्थ से प्रेरित होत...

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    यह कहानी जीवन की नश्वरता और आत्मा के शाश्वत सत्य पर केंद्रित है। एक युवक स्वामी जी से संसार की स्वार्थपूर्ण प्रकृति पर सवाल उठाता है। स्वामी जी एक नाटक रचते हैं जहां युवक मृत होने का नाटक करता है, और उसके प्रियजनों से उसकी जगह मरने के लिए पानी पीने को कहते हैं। कोई तैयार नहीं होता। इससे युवक समझ ...