Live stream preview

Watch this video and more on Welcome to JKYOG TV

Watch this video and more on Welcome to JKYOG TV

Start your free trial

Already subscribed? Sign in

Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi Part 11

Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi • 12m

Up Next in Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi

  • Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi Part 12

    श्रीकृष्ण ने अर्जुन को समझाया कि सुख-दुख आते-जाते रहते हैं, जैसे ऋतुएँ बदलती हैं। इंद्रियों के संपर्क से ये अनुभव होते हैं। जो व्यक्ति सुख-दुख से परे हो जाता है, वह भवसागर पार कर जाता है। भीष्म पितामह का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने कौरवों की ओर से युद्ध किया, पर वे सुख-दुख से परे थे। श्रीकृष्...

  • Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi Part 13

    प्रवचन के अनुसार, आत्मा और भगवान अनादि हैं। दोनों का अस्तित्व समय की शुरुआत से पहले है। हम भगवान के अंश हैं, इसलिए आनंद की तलाश हमारी प्रकृति है। संसार के सुख-दुख स्थायी नहीं हैं और आत्मा का सच्चा सुख केवल भगवान से मिलता है। हमें समझना चाहिए कि संसार का सुख हमारे वास्तविक आनंद की पूर्ति नहीं कर स...

  • Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi Part 14

    यह संसार अस्थायी और विचित्र है, जिसमें 300 तत्व परमाणु में हैं, और हमारी आकाशगंगा में अरबों तारे हैं। सत्य और असत्य के बीच का भेद समझने की आवश्यकता है, जैसा श्रीकृष्ण ने कहा। बाहरी संसार अस्थायी है, लेकिन भीतर का संसार मन की कल्पना है, जो असली भ्रम है। भगवान का बनाया संसार सत्य है, लेकिन उसे असत्...