Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi Part 10
Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi
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जीवन के विभिन्न चरणों में व्यक्ति शरीर बदलता है, जैसे बचपन, युवावस्था, और वृद्धावस्था। श्रीकृष्ण अर्जुन को बताते हैं कि इसी तरह आत्मा मृत्यु के बाद नया शरीर धारण करती है, जिसे पुनर्जन्म कहते हैं। शरीर के कोशाणु लगातार बदलते रहते हैं, लेकिन व्यक्ति वही रहता है। भौतिक विज्ञान भी मानता है कि शरीर हर सात साल में नए कोशाणुओं से बदल जाता है। पुनर्जन्म की अवधारणा पश्चिमी दर्शन में विवादास्पद है, लेकिन भारतीय शास्त्रों और श्रीकृष्ण के तर्क इसे सिद्ध करते हैं।
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Bhagavad Gita Chapter 2 - Hindi Part 12
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