भक्त कवि सूरदास - जीवनी एवं शिक्षा। Bhakt Kavi Soordas’s life and teachings
Sant Charit - Hindi
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वल्लभाचार्य के प्रमुख शिष्य आठ थे, जिनमें सूरदास जी भी शामिल थे। सूरदास जी जन्म से अंधे थे, परंतु उनके प्रारंभिक कष्टों ने उनकी आध्यात्मिकता को परिष्कृत किया। वल्लभाचार्य ने उन्हें गोवर्धन लाकर श्रीनाथजी की सेवा में नियुक्त किया। सूरदास जी ने भगवान की लीलाओं का दिव्य अनुभव प्राप्त किया और 50,000 पद लिखे, जिनमें से 25,000 भगवान ने स्वयं लिखे। उनके पद भक्तिपंथ के महत्वपूर्ण स्तोत्र हैं। सूरदास जी का जीवन भगवान की अपार कृपा और भक्तिपथ की महत्वपूर्ण मिसाल है।
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