शरणागति का रहस्य - 16 भगवान की कृपा का मूल्य
Sharanagati Rahasya - Hindi
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9m 57s
यह शरीर एक ऐसी मशीन है जो बिना कर्म नहीं रह सकती। खड़े होना, बैठना, सोना सभी कर्म हैं। 'कुछ न करना' एक बहुत ऊंची अवस्था है जिसमें व्यक्ति कर्तव्य से मुक्त हो जाता है। यह अकर्मण्यता नहीं, बल्कि कर्तव्य का अभाव होता है। शरीर कर्म करता है, परंतु व्यक्ति को यह भावना रखनी चाहिए कि वह कुछ नहीं कर रहा, सब भगवान की शक्ति से हो रहा है। भगवान की कृपा अकारण होती है, इसे किसी शरणागति या कर्म से खरीदा नहीं जा सकता।
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