शरणागति का रहस्य - 15 भगवद् आश्रय
Sharanagati Rahasya - Hindi
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भगवान की भक्ति तीन प्रकार की होती है। पहले प्रकार के लोग भगवान को साधन और संसार को साध्य मानते हैं, जबकि दूसरे लोग संसार को साधन और भगवान को साध्य मानते हैं। लेकिन असली भक्ति तीसरे प्रकार की है, जहाँ भगवान को ही साधन और साध्य माना जाता है। उनकी कृपा पर निर्भर होकर ही उनकी प्राप्ति संभव होती है। जगत गुरु रामानुजाचार्य कहते हैं कि हमें सभी भौतिक आश्रयों जैसे धन, पद और बल का त्याग कर भगवान की शरण लेनी चाहिए, तभी उनकी कृपा प्राप्त होगी।
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