Ram Katha - Part 13 - अहिल्या उद्धार Ahilya Uddhar
Ramkatha - Hindi
•
10m
विश्वा मित्र जी ने ताड़का को मारकर अपनी दिव्यता को प्रकट किया। राम ने अहिल्या को पथ्थर से मुक्त कर उसे सम्मान प्रदान किया। यज्ञ की रक्षा के दौरान राम और लक्ष्मण ने मारीच और सुबाहु को हराया। राजा जनक ने राम और लक्ष्मण को देखकर उन्हें ब्रह्मा मान लिया। यह अनुभव राजा जनक को ज्ञान और प्रेम की गहराई को समझने में मदद करता है। उन्होंने महसूस किया कि ब्रह्मा के निराकार रूप से भी उच्च अवस्था प्रेम की है।
Up Next in Ramkatha - Hindi
-
Ram Katha - Part 14 - भक्ति रस का महा...
ज्ञानी लोग अक्सर भक्ती को कम बुद्धि वालों के लिए मानते हैं, लेकिन रामायण दिखाती है कि राजा जनक जैसे ज्ञानी, जिन्होंने निराकार ब्रह्म को प्राप्त किया था, जब साकार भगवान के रस का अनुभव किया तो वे भी उसमें डूब गए। साकार भगवान का प्रेम रस निराकार ब्रह्म आनंद से कहीं अधिक मधुर और आनंददायक होता है। इस ...
-
Ram Katha - Part 15 - राम सीता प्रथम...
रावण की अशोक वाटिका और राजा जनक की पुष्प वाटिका में सीता जी ने भिन्न अनुभव किए। राम और लक्ष्मण ने पुष्प तोड़ने की अनुमति मांगी और सीता जी ने राम को देखा। धनुष यज्ञ के दिन, सीता ने पार्वती जी से प्रार्थना की कि राम ही उनके पति बनें। यज्ञ में कोई धनुष नहीं तोड़ पाया, राजा जनक ने गुस्से में आकर कहा ...
-
Ram Katha - Part 16 - सीता स्वयंवर Si...
भगवान राम ने धनुष को तोड़कर सभा में हाहाकार मचा दिया। राजा जनक और सभी दर्शक हैरान रह गए। सीता जी ने भगवान राम को माला डालने के लिए बुलाया। राम ने विनम्रता दिखाते हुए सिर झुका दिया, जिससे सीता जी को यह सिखाना था कि जो व्यक्ति धनुष तोड़ सकता है, वह विनम्रता से सिर झुका सकता है। लक्ष्मण ने पृभूमि को...