99 का चक्कर । विकास के सूत्र भाग 2
Jeevan Me Vikas Ka Sutra - Hindi
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9m 26s
जीवन का सुख बाहरी वस्तुओं पर निर्भर नहीं करता। लोगों के पास सबकुछ होने के बाद भी वे दुखी हो सकते हैं, जबकि कुछ भी न होने पर भी खुश रह सकते हैं। एक गरीब परिवार बाहरी वैभव के बिना भी खुश था, लेकिन जब उन्हें 99 सोने के सिक्के मिले, तो वे अधिक पाने की लालसा में खुश नहीं रह पाए। यह 99 का चक्कर हमें हमेशा और पाने की दौड़ में फंसा देता है, जबकि असली सुख अपने विचारों और वर्तमान में जीने से आता है।
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जीवन में सुखी रहना और आनंदित होने के लिए हमें अपने विचारों को बदलना होता है। दुख और सुख हमारे विचारों से उत्पन्न होते हैं, न कि बाहरी परिस्थितियों से। हमें भगवान की दी हुई छोटी-छोटी चीजों में आभार और कृतज्ञता का भाव रखना चाहिए। जैसे आंखों से सुंदर दृश्य देखना, कानों से मधुर ध्वनियां सुनना, ये सब ...
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बुरा समय हमेशा नही रहता । विकास के स...
जीवन में सुख-दुख का चुनाव हमारे विचारों पर निर्भर है, जिनकी ज़िम्मेदारी केवल हमारी है। दूसरों के व्यवहार से अपनी ख़ुशी जोड़ना गलत है। परिस्थितियाँ कठिन हो सकती हैं, लेकिन अपने विचारों का चयन हम खुद करते हैं। विक्टर फ्रैंकल ने भी अत्यंत कठिन परिस्थितियों में भी अपने विचारों से सुख पाने की शक्ति दि...
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