सुख या दुःख आपके हाथ । विकास के सूत्र भाग 10
Jeevan Me Vikas Ka Sutra - Hindi
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मन कष्ट से भागता है, पर जो लाबदायक है, वह कष्ट सहकर ही मिलता है। श्रेय का सुख वर्तमान में कड़वा लगता है लेकिन भविष्य में मीठा होता है, जबकि प्रेय प्रारंभ में आनंदमय लेकिन अंत में दुखद होता है। सफलता और दीर्घकालिक आनंद के लिए श्रेय को अपनाकर, प्रेय को त्यागना चाहिए। आत्म-संयम और अनुशासन से लॉन्ग-टर्म सुख मिलता है। जैसे आमला कड़वा होता है, पर उसे सहन करने पर बाद में मीठा हो जाता है।
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