भगवान को जाना नहीं जा सकता भगवद गीता अध्याय 10 - भाग 4
Bhagavad Gita Chapter 10 - Hindi
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भगवान के नियम अपरिवर्तनीय हैं, जबकि मानव द्वारा बनाए गए संविधान बदलते रहते हैं। जीव को पहले श्रद्धा और ज्ञान प्राप्त करना होता है, फिर भक्ति उत्पन्न होती है। श्रीकृष्ण अर्जुन को ज्ञान देकर उसकी भक्ति को सुदृढ़ कर रहे हैं, लेकिन कहते हैं कि भगवान को कोई नहीं जान सकता, न देवता, न ऋषि-मुनि। इसका कारण यह है कि भगवान सृष्टि से पहले थे और उनकी शक्तियों से सभी संचालित होते हैं। भगवान की माया से ढके होने के कारण बुद्धि उन्हें पूरी तरह नहीं समझ सकती, लेकिन इसका समाधान अगले श्लोक में है।
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