जगद्गुरु रामानुजाचार्य जी की जीवनी एवं शिक्षा Ramanujacharya life and teachings
Sant Charit - Hindi
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जगद्गुरु रामानुजाचार्य ने श्रीवैष्णव परंपरा का पुनरुत्थान कर भक्ति और वेदांत का समन्वय किया। उन्होंने अद्वैतवाद का खंडन करते हुए विशिष्टाद्वैत वेदांत की स्थापना की। उनके गुरु यामुनाचार्य की प्रेरणा से उन्होंने श्री भाष्य की रचना की और श्रीरंगम में वेदांत का प्रचार किया। रामानुजाचार्य ने भक्ति को सरल रूप में प्रस्तुत किया, जिससे समाज के सभी वर्गों को आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त हो सके। उनके शिष्य, धनुरदास और कुरेश, उनके प्रमुख सहयोगी रहे।
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