शरणागति का रहस्य - 20 क्या सब कुछ ईश्वर की इच्छा से होता है
Sharanagati Rahasya - Hindi
•
9m 43s
संतोष संसार में अच्छा है, लेकिन ईश्वर की उपासना, जप, और स्वाध्याय में संतोष नहीं होना चाहिए। संतोष से उन्नति रुक सकती है। भगवान की माया को पार करने के लिए केवल भगवान पर निर्भर रहना और अपनी जिम्मेदारियों से भागना गलत है। जैसे एक बीज को उगाने के लिए मेहनत की आवश्यकता होती है, वैसे ही हमें भी अपनी शक्ति का सही उपयोग करना चाहिए। भगवान की कृपा तभी मिलती है जब हम स्वयं प्रयास करें, न कि सिर्फ आशा करें कि सब कुछ भगवान करेंगे।
Up Next in Sharanagati Rahasya - Hindi
-
शरणागति का रहस्य - 21 आपका भाग्य कि...
हमारे जीवन में भाग्य और कर्म दोनों का महत्व है। भाग्यवादी मानते हैं कि सब कुछ भाग्य से तय होता है, लेकिन यह सही नहीं। भाग्य में जो लिखा है, वही मिलेगा, चाहे हम कितना भी प्रयास करें। परंतु, कर्म की स्वतंत्रता हमें अपने भाग्य को बदलने की शक्ति देती है। भाग्य और कर्म का संतुलन समझना महत्वपूर्ण है। भ...
-
शरणागति का रहस्य - 22 अच्छा काम तुर...
समय निरंतर बीतता जा रहा है और भगवान ने जो मानव शरीर दिया है, वह भी काल के साथ समाप्त होता जा रहा है। हमें समय की प्रतीक्षा करने के बजाय, मिले हुए समय का उपयोग करना चाहिए। वर्तमान क्षण ही परमात्मा का द्वार है और इसका सही उपयोग करने से कल्याण होता है। विलम्ब करने से हम अच्छे अवसर खो सकते हैं। जैसे ...
-
शरणागति का रहस्य - 23 क्या संकल्प भ...
हमें अपनी तुष्टियों को छोड़कर सच्ची शरणागति अपनानी चाहिए। सच्ची शरणागति का मतलब केवल शब्दों से नहीं, बल्कि पूरे मन और आत्मा से भगवान के प्रति समर्पण होना चाहिए। साथ ही, आत्म निरीक्षण कर हमें अपनी त्रुटियों को पहचानना और उन्हें सुधारने के लिए परिश्रम करना जरूरी है। H.W. Longfellow ने कहा था, "वर्त...