जीवन में सुखी होने का रहस्य कैसे हों सुखी कैसे हों सफल - Part 9
Kaise ho Sukhi ho Saphal - Hindi
•
14m
हमारा जीवन सुख की खोज में निरंतर प्रयत्नशील है, लेकिन हम अक्सर सुख को गलत जगह ढूंढते हैं। संसारिक भोग या सुख-समृद्धि जैसी वस्तुएं मधुर विष के समान हैं, जो शुरू में सुखद लगती हैं पर बाद में दुःख का कारण बनती हैं। मानव स्वभाव की विभिन्न श्रेणियाँ बताती हैं कि कुछ लोग अपनी हानि करके दूसरों को नुकसान पहुँचाते हैं, जबकि महापुरुष अपनी हानि सहकर भी दूसरों का भला करते हैं। असली आनंद तभी मिलता है जब हम श्रेयस (दीर्घकालिक सुख) को प्रेयस (तात्कालिक सुख) पर चुनते हैं।
Up Next in Kaise ho Sukhi ho Saphal - Hindi
-
सुख कहाँ है कैसे हों सुखी कैसे हों ...
संसारिक सुख क्षणिक होता है और हमारी आत्मा सच्चा, स्थायी सुख चाहती है, जो परमात्मा में ही पाया जा सकता है। बाहरी भौतिक सुख सीमित हैं और तृप्ति नहीं देते। सच्चा सुख अंतःकरण की शुद्धता से आता है, जिसे हम भीतर की यात्रा से प्राप्त कर सकते हैं। हर प्रकार की बाहरी भौतिक वस्तुओं या उपलब्धियों से सुख क्ष...
-
कामनाओं को कैसे जीतें कैसे हों सुख...
जब हम कुछ करने का संकल्प लेते हैं, तो मन का एक भाग उस विचार को नियंत्रित करता है, जबकि दूसरा भाग उसे सोचता है। अगर हम किसी इच्छा को छोड़ने का प्रयास करते हैं, तो अक्सर वह और बढ़ जाती है। जैसे एक व्यक्ति ने कहा, "बंदर का ध्यान मत करना," फिर भी उसका मन लगातार बंदर पर ही केंद्रित रहा। इसका अर्थ है क...
-
मन को शुद्ध करने का मंत्र कैसे हों...
कामनाएं संसार से बांधती हैं, भक्ति के लिए पहले इन्हें छोड़ना होगा। बुद्ध धर्म कामना त्यागने की बात कहता है, जबकि वैदिक धर्म में भगवान की कामना पर बल दिया जाता है। कामनाओं को सही दिशा में मोड़कर उन्हें भक्ति का साधन बनाया जा सकता है। जैसे लोभ, क्रोध, अहंकार को भगवान की ओर मोड़ो। ये सब मित्र बन सकत...