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Taittiriya Upanishad Part 21
16m
इस प्रवचन श्रृंखला में बताया गया कि अध्यात्मिक ज्ञान जीवन में महत्वपूर्ण है, और वेदों से श्रेष्ठ ज्ञान प्राप्त होता है। तैत्री उपनिषद के माध्यम से भगवान के स्वरूप और उनसे जुड़ने की विधि का वर्णन किया गया। शरणागति का महत्व समझाया गया, जिसमें मन, बुद्धि, शरीर आदि को भगवान को समर्पित करने की आवश्यकता है। शारीरिक भक्ति से अधिक भगवान मन की शुद्धता को प्राथमिकता देते हैं। मन से भगवान से प्रेम करना ही सच्ची शरणागति है, जिससे मोक्ष प्राप्त होता है।