Live stream preview
Taittiriya Upanishad Part 20
16m
शरणागति का अर्थ है भगवान की इच्छा में समर्पण। शारीरिक और मानसिक समर्पण में अंतर है। वास्तविक शरणागति के छह अंग होते हैं: भगवान की इच्छा में अपनी इच्छा रखना, उनकी विपरीत इच्छाओं का त्याग करना, उनकी रक्षा पर अटूट विश्वास रखना, उनके प्रति कृतज्ञता का भाव रखना, अपना सर्वस्व उन्हें अर्पित करना और अंततः उनकी शरण में पूर्णत: समर्पित हो जाना। यह आध्यात्मिक मार्ग भगवान से जुड़े रहने और उनकी कृपा प्राप्त करने का साधन है, जिससे सांसारिक दुखों से मुक्ति मिलती है।