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Taittiriya Upanishad Part 15
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इस व्याख्यान में बताया गया कि संसार की सृष्टि नेचर से स्वतः नहीं होती। मिट्टी से घड़ा बनने के उदाहरण से समझाया गया कि वस्तु निर्माण के लिए ज्ञान, इच्छा, संकल्प, और प्रयास की आवश्यकता होती है। यह भी कहा गया कि नेचर या ब्रह्मा की जगह भगवान का होना आवश्यक है, क्योंकि भगवान ही सृष्टि, प्रबंधन और प्रलय के जिम्मेदार हैं। शब्द प्रमाण (वेदों और उपनिषदों द्वारा) और अनुमान प्रमाण के माध्यम से संसार की सृष्टि की पुष्टि की गई है।