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Ram Katha - Part 18 - राम सीता विवाह Ram Sita Vivah
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राजा जनक ने मिथिला से अयोध्या दूत भेजे। दूतों ने बताया कि राम ने कठिनाइयाँ पार कीं और धनुष तोड़ा, जिससे सीता से विवाह तय हुआ। दशरथ जी ने राजा जनक को आश्वस्त किया और बारात सजाई। राजा जनक ने सीता के वियोग में आंसू बहाए। दशरथ जी ने बुढ़ापे का संकेत पाकर राम को राजा बनाने का निर्णय लिया। वसिष्ठ जी ने राम के राज्याभिषेक के लिए शुभ मुहूर्त निकाला। इस तरह अयोध्या का भाग्य बदल गया।