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बार-बार चिंतन अवचेतन मन की शक्ति कैसे हों सुखी कैसे हों सफल - Part 13
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जब मृत्यु होती है, स्थूल शरीर यहीं रह जाता है, और आत्मा सूक्ष्म और कारण शरीर को साथ ले जाती है। कारण शरीर में पूर्व जन्मों के संस्कार होते हैं, जबकि सूक्ष्म शरीर में मन, बुद्धि और अहंकार रहते हैं। अवचेतन मन पिछले कई जन्मों से चलता आ रहा है, जिससे हमारी प्रवृत्तियाँ और सोच प्रभावित होती हैं। ये अवचेतन मन सकारात्मक या नकारात्मक सोच उत्पन्न कर सकता है। मन की शुद्धि के लिए भगवन्नाम का जप और रूप ध्यान अवचेतन मन को प्रभावित करता है, जिससे मन की प्रोग्रामिंग हो जाती है।