Live stream preview
आप कौन हैं कैसे हों सुखी कैसे हों सफल - 7 प्रामाणिक दिव्य सूत्र भाग 3
18m
अनित्य और अनात्म के ज्ञान की कमी से मानवता दुख भोगती है। जैसे राम किंकर बैज ने पत्थर में बुद्ध को देखा और अनावश्यकता को निकाला, हमें भी अपनी गलत मान्यताओं को हटाना होगा। शरीर को आत्मा मान लेना विपर्यय है। साइंस और धर्म का टकराव है, पर हमारी आत्मा में स्वतंत्रता है। चूहों का प्रयोग यह दर्शाता है कि हम सांसारिक सुख की खोज में उलझ जाते हैं। आत्मा के ज्ञान से हम अपनी सही पहचान पाएंगे और सच्चे सुख की ओर बढ़ेंगे।