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कामनाओं को कैसे जीतें कैसे हों सुखी कैसे हों सफल - Part 11
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जब हम कुछ करने का संकल्प लेते हैं, तो मन का एक भाग उस विचार को नियंत्रित करता है, जबकि दूसरा भाग उसे सोचता है। अगर हम किसी इच्छा को छोड़ने का प्रयास करते हैं, तो अक्सर वह और बढ़ जाती है। जैसे एक व्यक्ति ने कहा, "बंदर का ध्यान मत करना," फिर भी उसका मन लगातार बंदर पर ही केंद्रित रहा। इसका अर्थ है कि इच्छाओं का समाधान केवल सोचने से नहीं होगा। मन की शुद्धि के लिए भक्ति आवश्यक है, तभी हम अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण पा सकेंगे।