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शरणागति का रहस्य - 11 अहंकार भक्ति में बाधक
8m 34s
इस कथा में शरणागति के महत्व को समझाया गया है, जहाँ अहंकार का त्याग आवश्यक है। एक साधु ने बारह वर्षों तक तपस्या की और जब भगवान ने वरदान माँगने का अवसर दिया, साधु ने अहंकारपूर्वक तपस्या का फल माँगा। तब उसे समझ आया कि भगवान की कृपा अकारण होती है और इसे किसी के प्रयास या परिश्रम से प्राप्त नहीं किया जा सकता। शरणागति में अहंकार का त्याग आवश्यक है, और यदि कोई भी शुभ कार्य हो, तो यह भगवान की कृपा से ही संभव है, हमारे प्रयासों से नहीं।