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क्या भगवद गीता पढ़ने से भगवान मिलेंगे भगवद गीता अध्याय 10 - भाग 6
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इस व्याख्यान का सार यह है कि केवल शास्त्रों का अध्ययन और शाब्दिक ज्ञान प्राप्त कर लेने से अहंकार उत्पन्न हो सकता है, जो आध्यात्मिक उन्नति में बाधक बनता है। वास्तविक ज्ञान वह है जो अनुभव से प्राप्त होता है और विनम्रता उत्पन्न करता है। अहंकार को दूर करने के लिए शाब्दिक ज्ञान आवश्यक है, लेकिन इसे अनुभव ज्ञान में परिवर्तित करना महत्वपूर्ण है। उदाहरण स्वरूप, हनुमान जी की कथा में श्री कृष्ण ने गरुड़, सुदर्शन चक्र और सत्यभामा का अहंकार नष्ट किया। ज्ञान का सही उपयोग ही भगवत प्राप्ति की ओर ले जाता है।